कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हाल ही में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ 2006 में बेंगलुरू के बेलंदूर और देवरबीसनहल्ली में कथित रूप से 15 एकड़ और 30 गुंटा भूमि को गैर-अधिसूचित करने के लिए दर्ज एक (एफआईआर) को रद्द कर दिया है।
न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ दर्ज (एफआईआर) को रद्द करने की मांग करने वाली पूर्व याचिका पर यह आदेश पारित किया है। येदियुरप्पा के अधिवक्ता संदीप एस पाटिल ने अदालत को पहले ही बताया था कि 2015 में पहले ही इन आरोपों को अदालत के सामने रखा था जिसमे अदालत ने यह फैसला देते हुए कहा की एक सीएजी रिपोर्ट आपराधिक मामले के आधार के रूप में काम नहीं कर सकती है और इस जाँच को सीएजी रिपोर्ट में शामिल नहीं किया जा सकता।
इस पूरे मामले को पीठ के आगे संबोधित किया गया जिसके बाद प्रतिवादियों ने इस पर किसी भी प्रकार का तर्क नहीं रखा और प्रतिवादियों का तर्क न आने पर उच्च -न्यायालय ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ 2015 की एफआईआर) को रद्द कर दिया।