“श्रृंगार गौरी स्थल” मामले का प्रतिनिधित्व करने वाली एक याचिकाकर्ता राखी सिंह ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक कैविएट याचिका दायर की है, यदि मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वेक्षण के जिला न्यायालय के आदेश को रोकने के लिए कोई याचिका दायर की है।
वाराणसी की जिला अदालत ने 22 जुलाई को आदेश पारित कर एएसआई को वुजुखाना के अलावा ज्ञानवापी का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था। राखी सिंह की ओर से अधिवक्ता सौरभ तिवारी द्वारा ई-फाइलिंग के माध्यम से प्रस्तुत कैविएट याचिका में यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है कि यदि अंजुमन मस्जिद व्यवस्था समिति जिला न्यायाधीश के आदेश को अदालत में चुनौती देती है तो उच्च न्यायालय याचिकाकर्ता का पक्ष सुने बिना कोई निर्णय नहीं देगा।
एएसआई टीम ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण शुरू किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण इसे दो दिनों के लिए रोक दिया गया।
हालांकि हिंदू पक्ष की ओर से वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी भरोसा जताते हैं कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक सर्वे होगा और नतीजे हिंदुओं के पक्ष में आएंगे, उनका कहना है कि पूरा परिसर मंदिर का है. इससे पहले मुस्लिम पक्ष ने सीधे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और जिला अदालत के आदेश पर दो दिन की रोक लगा ली थी. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को अगले दिन तक इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील दायर करने का निर्देश दिया.