कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा कि 2023 के स्थानीय निकाय चुनावों में सीट आरक्षण मानदंड को लेकर याचिकाकर्ता शुभेंदु अधिकारी की दलील में दम है।
मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की खंडपीठ ने कहा कि इस चरण में किसी भी तरह का दखल राज्य में पंचायत चुनाव को टाल सकता है। अदालत ने यह टिप्पणी पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की ओर से दायर जनहित याचिका पर की है।
हालांकि अदालत ने माना कि विभिन्न श्रेणियों में सीटों के आरक्षण के लिए विभिन्न मानदंडों के उपयोग पर अधिकारी के दावे में दम है लेकिन पीठ ने पंचायत चुनाव में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
अदालत ने यह राज्य चुनाव आयोग पर छोड़ा है कि वे सीटों के आरक्षण को लेकर भारतीय जनता पार्टी के विधायक द्वारा उठाए गए बिन्दुओं पर फैसला करे। राज्य में पंचायत चुनाव इस साल के मध्य में होने की संभावना है।