प्रयागराज में हुए एक शूट आउट में मारे गए माफिया अतीक अहमद के बेटे अली और उमर ने याचिका दायर कर इलाहाबाद हाई कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई है। हाई कोर्ट ने अली अहमद एवं मोहम्मद उमर को दो हफ्ते में उस आशंका से जुड़ा हलफनामा दाखिल करने का समय दिया है जिसके आधार पर सुरक्षा के संबंध में आदेश दिया जा सके। साथ ही याचिकाओं को सुनवाई के लिए 12 जुलाई को पेश करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि काल्पनिक आधार पर कोर्ट से सुरक्षा का आदेश नहीं मिल सकता। पेशी के दौरान सुरक्षा खतरे को लेकर कुछ विश्वसनीय साक्ष्य भी होने चाहिए ताकि कोर्ट उस पर सरकार को समादेश जारी कर सके।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता तथा न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ल की खंडपीठ ने अली व उमर की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याचियों का कहना है कि कोर्ट में पेशी के दौरान उन पर जानलेवा हमला हो सकता है। इसलिए उनकी पूरी सुरक्षा करने अथवा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी करने का आदेश दिया जाए।
कोर्ट ने पूछा कि किस आधार पर पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिलने की आशंका है? कुछ कारण बताएं ताकि सुरक्षा उपायों के लिए आदेश दिया जाए। अली ने नैनी सेंट्रल जेल में भी सुरक्षा खतरे की आशंका जताते हुए अन्य जेल में स्थानांतरित करने की मांग की है।