ENGLISH

मोदी सरनेम मानहानि: राहुल गांधी ने पटना हाई कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा, कहा मुकदमा दोहरे दंड के सिद्धांत से प्रभावित

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘मोदी सरनेम’ विवाद मामले में पटना हाई कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है। राहुल गाँधी ने अपने हलफ़नामे में कहा है कि पटना की अदालत में राज्यसभा सांसद सुशील मोदी की ओर उनके खिलाफ किया गया मानहानि का मुकदमा ‘डबल जियोपार्डी डॉक्टरिन’ (दोहरे दंड के सिद्धांत) से प्रभावित है।

इस हलफनामे में राहुल गाँधी ने कहा है कि उसी टिप्पणी के लिए सूरत की अदालत की ओर से उन्हें पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है जो पटना कोर्ट में सुशील मोदी की ओर से दायर मानहानि शिकायत के केंद्र में है। हलफनामे में यह भी कहा गया है कि  अप्रैल 2019 में कोलार में एक चुनावी अभियान के दौरान जब ‘सभी चोर मोदी सरनेम साझा क्यों करते हैं’ कथित बयान दिया गया, जिसके बाद उनपर मुकदमा चला और सूरत कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया और दो साल की सजा सुनाई, इसलिए पटना कोर्ट के समक्ष लंबित मामला दोहरे दंड के सिद्धांत से प्रभावित होगा जैसा कि सीआपीसी की धारा 300 और भारत के संविधान के अनुच्छेद 20 (2) के तहत प्रावधान है।
हलफ़नामे में संविधान के अनुच्छेद 20 (2) का जिक्र करते हुए कहा गया कि किसी भी व्यक्ति पर एक ही अपराध के लिए एक से ज्यादा बार मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है और दंडित नहीं किया जा सकता है। इतना ही नही सीआरपीसी की धारा 300 (1) न सिर्फ एक ही अपराध के लिए, बल्कि एक ही तथ्य पर किसी अन्य अपराध के लिए किसी व्यक्ति के मुकदमे पर रोक लगाती है। राहुल गाँधी ने हलफनामे आगे कहा कि दोनों मामलों में फर्क सिर्फ इतना है कि शिकायतकर्ता अलग-अलग हैं। 24 अप्रैल यानी यानी सोमवार को अदालत राहुल गाँधी की याचीका पर सुनवाई करेगा जिसमें उन्होंने पटना के एमएलए-एमपी कोर्ट के उस आदेश को रद करने की मांग की है, जिसमें कोर्ट ने उन्हें को 25 अप्रैल को मोदी सरनेम मामले में सदेह उपस्थित होने के लिए कहा है।

दरसअल भाजपा नेता सुशील मोदी ने 2019 में राहुल गांधी पर मानहानि का केस दर्ज करवाया था। सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने मोदी को चोर कहकर पूरे मोदी समुदाय का अपमान किया है।

ऐसे ही मामले में इन 23 मार्च 2023 को गुजरात की सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद राहुल गाँधी की संसद की सदस्यता समाप्त हो गई थी।

Recommended For You

About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *