पश्चिम बंगाल के चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा की नियुक्ति को चुनौती देते हुए सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। इस मामले पर अगले हफ्ते सुनवाई होने की संभावना है। राजीव सिन्हा को 7 जून को एसईसी के रूप में नियुक्त किया गया था और 8 जून को 8 जुलाई को पंचायत चुनाव की घोषणा की गई थी। विपक्षी दलों ने इसे जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताया। गौरतलब है कि सिन्हा की नियुक्ति को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी थी।
हालांकि, हाई कोर्ट की टिप्पणियों के बाद राज्यपाल ने सिन्हा के ज्वाइनिंग लेटर को स्वीकार नहीं करने का फैसला किया। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा के ज्वाइनिंग लेटर को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। इसी कारण सिन्हा पंचायत चुनाव मुद्दे से संबंधित संवेदनशील मामले पर राज्यपाल द्वारा बुलाई गई चर्चा में शामिल होने में विफल रहे।
यह घटनाक्रम तब हुआ जब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य चुनाव आयुक्त को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि अगर उन्हें पंचायत चुनावों के लिए राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती के आदेश लेने में कठिनाई होती है तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए। इससे पहले, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पंचायत चुनावों के लिए राज्य के सभी जिलों में केंद्रीय बलों की मांग और तैनाती का आदेश दिया था।