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पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय ने म्यूजिक वीडियो के कलाकारों को दी बड़ी राहत, एफआईआर रद्द

Punjab Haryana High Court

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में मिस पूजा, अभिनेता हरीश वर्मा और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया है। वीडियो में मिस पूजा को धार्मिक बोल वाले गाने पर डांस करते हुए दिखाया गया है। प्राथमिकी उन लोगों के एक समूह द्वारा दर्ज की गई थी जिन्होंने दावा किया था कि वीडियो उनके धार्मिक विश्वासों के लिए अपमानजनक था क्योंकि इसने यमराज को म्यूजिक वीडियो में एक शराबी पति ‘जीजू’ के रूप में चित्रित किया था।

यह प्राथमिकी, दंड संहिता की धारा 156 (3) के तहत एक मजिस्ट्रेट के निर्देश पर धारा 295-ए, 499, और 500 के तहत रूपनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी।

अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ताओं ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 156 (3) के तहत आवेदन दाखिल करते समय उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया था। उन्होंने सीआरपीसी की धारा 154 के तहत कोई शिकायत दर्ज नहीं की थी, न ही उन्होंने अपने आवेदन के साथ शपथ पत्र संलग्न किया था।

अदालत ने पाया कि मजिस्ट्रेट ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देने से पहले सबूतों पर ठीक से विचार नहीं किया था। अदालत ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने उस गाने को देखा भी नहीं था जो कथित रूप से आपत्तिजनक था, और इस बात का कोई सबूत नहीं था कि गाने का उद्देश्य जानबूझकर किसी समूह की धार्मिक भावनाओं का अपमान करना था। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के एक पिछले फैसले, रामजीलाल मोदी बनाम यूपी राज्य का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए, जो धार्मिक विश्वासों के जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण अपमान पर रोक लगाती है, उन मामलों पर लागू नहीं होती है जहां कोई सबूत नहीं है। इन निष्कर्षों के आलोक में, अदालत ने प्राथमिकी और सभी संबंधित कार्यवाही को रद्द कर दिया।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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