पठानकोट में वक्फ बोर्ड की ज़मीन पर कब्ज़ा करके उस पर मंदिर बनाने के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्ती से कदम उठाते हुए पंजाब सरकार से जवाब मांगा है। 2012 में वक्फ बोर्ड ने इस ज़मीन को नगर निगम को समुदायिक केंद्र के निर्माण के लिए दी थी, लेकिन उस पर कोई निर्माण नहीं हुआ था।
याचिका दायर करते समय, कंचन बाला और अन्यों ने वकील विशाल अग्रवाल के माध्यम से हाईकोर्ट को बताया कि वक्फ बोर्ड ने जनहित को ध्यान में रखते हुए 2012 में 26 मरला ज़मीन को पठानकोट नगर निगम को सौंपा था। इस ज़मीन पर समुदायिक केंद्र और ट्यूबवेल का निर्माण होना था। कुछ समय पहले, बाबा मुकेश गिरी ने इस ज़मीन के पास मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया। इसके बाद, धीरे-धीरे उसने मंदिर का परिसर बढ़ाते हुए समुदायिक केंद्र के लिए दी गई ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया। इस मामले में नगर निगम और प्रशासन को शिकायत की गई लेकिन कोई प्रभाव नहीं हुआ।
जिला कलेक्टर ने मौखिक रूप से नगर निगम के संयुक्त आयुक्त को कब्ज़ा हटाने का आदेश दिया, और नगर निगम की टीम जगह पर पहुंची, लेकिन बाबा से बात करने के बाद कोई कदम नहीं उठाया गया।
याचिका में कहा गया है कि इस निर्माण को रोकना जरूरी है, क्योंकि अगर मंदिर बन गया तो इसे किसी भी हालत में हटाया नहीं जा सकेगा। समुदायिक केंद्र स्थानीय लोगों की आवश्यकता है और उसका निर्माण होना चाहिए। सरकार से याचिका में अपील की गई है कि मंदिर को तोड़कर कब्ज़ा हटाने का निर्देश जारी किया जाए। हाईकोर्ट ने याचिका पर अब पंजाब सरकार से जवाब मांगने का आदेश दिया है।