साल 2022 में जहाँ एक तरफ न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच कॉलेजियम सिस्टम को लेकर टकराव दिखा वही कोर्ट के इतिहास में दूसरी बार ऐसा हुआ जब एक ही साल में 3 सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 फीसदी आरक्षण, 2002 के गुजरात दंगों में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट देने के एसआईटी के फैसले को बरकरार रखना, विवादास्पद मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अहम फैसले सुनाए।
- एक ही साल में तीन मुख्य न्यायाधीश
72 साल के इतिहास में 2002 के बाद दूसरी बार एक ही साल में सुप्रीम कोर्ट में तीन मुख्य न्यायाधीश मिले। अप्रैल, 2021 में 48 वें प्रधान न्यायाधीश बने जस्टिस एन वी रमण के सेवानिवृत होने के बाद जस्टिस यू यू ललित मुख्य न्यायाधीश बने। जस्टिस ललित की सेवानिवृति के बाद जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने नौ नवंबर को देश के 50 वें मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाला।
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस वाई वी चंद्रचूड़ भी 44 साल पहले सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे. जस्टिस वाई वी चंद्रचूड 22 फरवरी, 1978 से 11 जुलाई, 1985 तक सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे थे।
- कई मामलों की सुनवाई के लिए संविधान पीठों का गठन
इस साल सुप्रीम कोर्ट ने कई संविधान पीठों का गठन किया। इनमें दिल्ली सरकार-उपराज्यपाल के बीच अधिकारों के बंटारे, नोटबंदी, जल्लीकट्टू, महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट और मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम जैसी प्रणाली के गठन की मांग संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इसके अलावा इस्राइली जासूसी उपकरण पेगासस के उपयोग से लोगों की जासूसी के आरोपों पर सुनवाई की है।
- संविधान पीठ की लाइव स्ट्रीमिंग
अपने कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठों की कार्यवाही के सीधे प्रसारण इस साल किया है। मामलों को सूचीबद्ध करने की नयी प्रणाली बनाने, आरटीआई पो र्टल और मोबाइल ऐप का उन्नत संस्करण शुरू करने, नये साल से मामलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए ‘एडवोकेट एपीरियेंस पोर्टल’ चालू करने जैसे अहम कदम उठाये।
- 2002 गुजरात दंगा: पीएम को क्लीन चिट
सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में गोधरा के बाद गुजरात में फैले दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और 63 को एसआईटी द्वारा दी गयी क्लीनचिट को सही ठहराया।
- पंजाब PM की यात्रा के दौरान चूक का मामला
सुप्रीम कोर्ट ने इस साल के प्रारंभ में मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान हुई सुरक्षा चूक की जांच कराने के लिए हाई कोर्टके एक पूर्व न्यायाधीश की अगुवाई में एक समिति गठित की।इस सुरक्षा चूक को लेकर केंद्र और पंजाब की कांग्रेस शासित तत्कालीन राज्य सरकार के बीच बड़ा राजनीतिक विवाद हुआ था।
- ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर बड़ा फैसला
अपने एक अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने दो के मुकाबले तीन के बहुमत से प्रवेश एवं सरकारी नौकरियों में ईडब्ल्यूएस के लिए 2019 में शुरू किये गये 10 फीसद आरक्षण को सही ठहराया।इस आरक्षण में अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणियों के गरीब शामिल नहीं हैं।सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए इस फैसले को सही ठहराया कि यह संविधान की मूल धारणों का उल्लंघन नहीं करता है।
- मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े प्रावधान
सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य अहम फैसला सुनाते हुए धनशोधन कानून के तहत धनशोधन वाली संपत्ति को कुर्क करने, तलाशी लेने और जब्त करने तथा आरोपी/संदिग्ध को गिरफ्तार करने के प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारों पर मुहर लगायी।
- पेगासस विवाद
पेगासस के कथित अनधिकृत उपयोग को लेकर विवाद भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सरकार पर जासूसी के आरोप लगाए गए लेकिन कोर्ट जांच में सरकार के खिलाफ कुछ नही मिला। बाद में सरकार ने याचीका को खारिज कर दिया।
- राजद्रोह कानून का स्थगन
सुप्रीम कोर्ट ने औपनिवेशिक काल के राजद्रोह कानून पर तब तक के लिए रोक लगा दिया जब तक कि एक ‘उपयुक्त ’ सरकारी मंच इसका पुन: परीक्षण नहीं कर लेता। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को तब तक इस कानून के तहत कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का निर्देश दिया।
- व्यक्तिगत आजादी से संबंधित मामलों का निपटारा
नागरिकों की व्यक्तिगत आजादी को बनाये रखने पर बल देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जी एन साईंबाबा, पी वरवर राव, गौतम नवलखा और आनंद तेलतुम्बडे समेत सामाजिक कार्यकर्ताओं के मामलों को निपटाया और इन्हें राहत भी दी।
दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जी एन साईंबाबा को माओवादी संबंध मामले में बरी करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी।
वही भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी 82 साल कवि एवं सामाजिक कार्यकर्ता राव को स्वास्थ्य के आधार पर जमानत दे दी।
माओवादियों के साथ संबंध मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट से तेलतुम्बडे को मिली जमानत को एनआईए द्वारा दी गयी चुनौती को कोर्ट ने खारिज कर दिया. उसने ऐसे ही एक मामले में नवलखा को उनके बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण घर में नजरबंद करने की अनुमति दे दी।
- बिल्किस बानो
गुजरात दंगा पीड़ित बिल्कीस बानो से सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 11 अभियुक्तों को मिली माफी का विवाद भी सुप्रीम कोर्ट पहुँचा और कोर्ट पीड़ित की याचीका पर सुनवाई को तैयार हो गया।
- कर्नाटक हिजाब विवाद
कर्नाटक हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की पीठ में फैसले को लेकर सहमति नही बन पाई। सुप्रीम कोर्ट के एक जस्टिस ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के विरूद्ध दायर अपील खारिज कर दी जबकि दूसरे जस्टिस ने कहा कि कोई पाबंदी नहीं होगी। अभी सुप्रीम कोर्ट में यह मामला लंबित है।