सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा की वो तय करेगी की महाराष्ट्र सियासत संकट की सुनवाई पांच जजों की संविधान पीठ करेगी या सात जजों की ।
महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट के मामले में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की याचिकाओं पर 14 फ़रवरी को सुनवाई करेगी। सुनवाई के लिए अगली तारीख 14 फरवरी तय की गई है। मामले की सुनवाई के दौरान ठाकरे गुट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ से कहा कि मामले को सुनवाई के लिए सात न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष भेजना चाहिए जिस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि अदालत पहले इस पर दलीलें सुनेगी कि मामले की सुनवाई सात न्यायाधीशों की पीठ या पांच न्यायाधीशों की पीठ के द्वारा होनी चाहिए।
इसके साथ ही अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 14 फरवरी की तारीख तय की है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस एम.आर. शाह, कृष्ण मुरारी, हिमा कोहली और पी.एस. नरसिम्हा की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है।
पिछली सुनवाई में उद्धव ठाकरे की तरफ से आरोप लगाते हुए कहा गया था की महाराष्ट्र में असंवैधानिक सरकार चल रही है। दरसल इस मामले में शिवसेना के दोनों गुटों द्वारा दायर करी गई कई याचिकाएं शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित हैं।
जबकि शिवसेना के बागी नेता और वर्तमान में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा दायर याचिका में डिप्टी स्पीकर द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस को चुनौती दी गई है. तो वहीं भरत गोगावाले और 14 अन्य शिवसेना विधायकों द्वारा दायर याचिका में डिप्टी स्पीकर को अयोग्यता में कोई कार्रवाई करने से रोकने की मांग की गई है।
उद्धव ठाकरे गुट और शिंदे गुट आपस में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने बगावती तेवर अपनाते हुए पार्टी के कई विधायकों को अपने साथ जोड़कर बीजेपी की मदद से सीएम की कुर्सी हासिल कर ली थी।