
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पंजाब में अवैध शराब निर्माण और वितरण को रोकने को लेकर अब तक राज्य सरकार की तरफ से की गई कार्रवाई की स्टेट्स रिपोर्ट 10 फरवरी तक दाखिल करने को कहा है।
जस्टिस एम आर शाह की अध्यक्षता वाली बेंच में मामले पर सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की तरफ से पेश वकील रंजीत कुमार ने कोर्ट को बताया गया कि इस मामले पर सरकार पूरी तरीके से काम करने में जुटी हुई है।हम इस मामले पर हलफनामा दाखिल किया है। जिसमें शराब की भट्टियों और नकली शराब बनाने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई की पूरी डिटेल दी गई है।
हालांकि याचिकाकर्ता की तरफ से यह सवाल उठाया क्या कि पंजाब सरकार की तरफ से दिए गए हलफनामे में शराब मिलने की तो बात की गई है लेकिन इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है कि वह सारा किसके द्वारा और कहां बन रही थी या उसके लिए सरकार ने क्या किया है?
जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से अगली तारीख यानी 10 फरवरी तक स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल कर के ये बताने को कहा है कि पंजाब सरकार से इस मामले में अब तक क्या करवाई की है।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार पूछा था कि याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि पंजाब की हर गली – मोहल्ले में अवैध शराब की भट्टी हैं। कोर्ट ने कहा पंजाब सीमांत प्रदेश है। अगर कोई देश बर्बाद करना चाहता है तो वे सीमा से शुरू करेंगे। देश को बचाने का हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। ये बहुत आसान है कि युवाओं को खत्म करो और देश खत्म करो। कोर्ट ने पंजाब सरकार को इसे रोकने के लिए कदम उठाने और स्थानीय पुलिस की जिम्मेदारी तय करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि पेनाल्टी में वसूली गई रकम जागरुकता अभियान पर खर्च की जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट पंजाब में अवैध शराब निर्माण और वितरण के मामले में दाखिल याचीका पर सुनवाई कर रहा है।