सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजीव खन्ना ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा कि, 2014 में महात्मा गांधी की जयंती पर शुरू किए गए ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को स्वच्छ भारत के लिए एक महत्वपूर्ण “सामाजिक आंदोलन” के रूप शुरु किया गया था।
न्यायमूर्ति खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के परिसर में महात्मा गांधी और पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिन के उपलक्ष्य में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संवोधित कर रहे थे।
जस्टिस खन्ना ने कहा कि “गांधी जी के जन्मदिन पर, हमने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ शुरू किया।” यह महज एक कार्यक्रम नहीं है; इसे एक सामूहिक सामाजिक आंदोलन के रूप में देखा जाना चाहिए। केवल जब इस प्रकाश में देखा जाएगा तो यह अपने इच्छित लक्ष्यों और उद्देश्यों को पूरा करने की उम्मीद कर सकता है।
न्यायमूर्ति खन्ना ने आगे कहा, “एक स्वच्छ और स्वास्थ्यकर भारत अधिक स्वस्थ और खुशहाल होता है।” उन्होंने गांधीजी के दर्शन के विभिन्न पहलुओं, जैसे अहिंसा, सत्याग्रह, सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए उपवास, सभी के प्रति सद्भावना और जीवन में सादगी का हवाला देते हुए, अपने शब्दों और कार्यों के माध्यम से व्यक्तियों के स्थायी प्रभाव को रेखांकित किया।
न्यायमूर्ति खन्ना ने यह भी कहा कि महात्मा गांधी दुनिया भर में पूजनीय हैं उनके लिए सबसे उपयुक्त श्रद्धांजलि उनकी शिक्षाओं को आत्मसात करना और उन्हें कार्यरूप में परिणित करना है।
गांधी जी को उद्धृत करते हुए जस्टिस खन्ना ने कहा कि , “अपने विचारों को ध्यान से देखें, क्योंकि वे आपके शब्द बन जाते हैं। अपने शब्दों को नियंत्रित रखें और देखें, क्योंकि वे आपके कर्म में परिवर्तित हो जाते हैं।फिर अपने कार्यों पर विचार करें और उनका मूल्यांकन करें, क्योंकि वे आपकी आदतें बन जाएंगे। अपनी आदतों को स्वीकार करें और उन पर नजर रखें, क्योंकि वे आपके मूल्य बन जाएंगे। अपने मूल्यों को समझें और अपनाएं, क्योंकि वे आपकी नियति बन जाएंगे।”
न्यायमूर्ति खन्ना ने आगे महात्मा गांधी के दो अन्य उद्धरणों का भी हवाला दिया, जिनके बारे में उनका मानना था कि वे न्यायपालिका के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक थे।
न्यायाधीश ने गांधी जी का एक और उदाहरण देते हुए कहा कि “तथ्यों का मतलब सत्य है, और एक बार जब हम सत्य का पालन करते हैं, तो कानून स्वाभाविक रूप से हमारी सहायता के लिए आता है।”
पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री के योगदान के बारे में, न्यायमूर्ति खन्ना ने उन्हें “एक सच्चा गांधीवादी” बताया, जो उनके शब्दों और विचारों के अनुसार जीवन जीते थे।
उन्होंने उन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों पर प्रकाश डाला जब शास्त्री ने देश के दूसरे प्रधान मंत्री की भूमिका निभाई। इन कठिनाइयों के बावजूद, शास्त्री ने अपनी ईमानदारी, विनम्रता और राष्ट्र के प्रति अटूट समर्पण बनाए रखा।
इस कार्यक्रम में एससीबीए सचिव रोहित पांडे सहित बार के कई पदाधिकारियों के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के अन्य वकील भी उपस्थित थे।
स्वच्छ भारत मिशन
सार्वभौमिक स्वच्छता कवरेज प्राप्त करने के प्रयासों में तेजी लाने और स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए, भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन शुरू किया था। मिशन के तहत, सभी गांवों, ग्राम पंचायतों, जिलों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भारत ने 2 अक्टूबर 2019, महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक, ग्रामीण भारत में 100 मिलियन से अधिक शौचालयों का निर्माण करके खुद को “खुले में शौच मुक्त” (ओडीएफ) घोषित कर दिया। यह सुनिश्चित करने के लिए कि खुले में शौच मुक्त व्यवहार कायम रहे, कोई भी पीछे न रहे, और ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाएं सुलभ हों, मिशन एसबीएमजी के अगले चरण-2 यानी ओडीएफ-प्लस की ओर बढ़ रहा है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे चरण के तहत ओडीएफ प्लस गतिविधियां ओडीएफ व्यवहार को सुदृढ़ करेंगी और गांवों में ठोस और तरल कचरे के सुरक्षित प्रबंधन के लिए हस्तक्षेप प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेंगी।